अजी टिपण्णी चर्चा तो भूले बिसरे गीत बन चुकी है..
9/30/2009
Leave a Comment
चच्चा टिप्पू सिंह की टिप टिप...और हो सकता है ये आखिरी टिप टिप हो या ये भी हो सकता है कि चच्चा टिप्पू सिंह अपनी इज्जत खराब करने वालों का पंचनामा होने तक सुबह शाम टिप टिप करने लग जाये?
हम जानना चाहते हैं कि चच्चा टिप्पू सिंह यानि टिपणी चर्चा को चिट्ठाचर्चा के चर्चाकार ने कौन सी दफ़ा के अंतर्गत दिवंगत करार दिया? उस मगरुर की टिप्पणी देखिये।
कुश Says:
Posted on September 30, 2009 9:42 PM
@पंकज भाई
पंकज जी मासूमियत इसीलिए कहा है..
वैसे हमको अब अक्ल आ गयी है कि सीधे सीधे किसी को कुछ नहीं कहा जाए वरना लोग बुरा मान जाते है.. :) अब अगर हम फोटू छाप के लगा देते तो क्या गारंटी की कोई वकील खडा नहीं होता..
जिन समीर लाल जी ने वहा चोरी होने की शिकायत की है ये वही समीर लाल है जो की बबली जी वाली चर्चा को वकील बाबु के ब्लॉग पर गलत ठहरा चुके है..
हम तो सच बोलकर पहले ही आशीष खंडेलवाल जी द्वारा संदिग्ध हो गए है.. इस बार फिर बोल देते तो आशीष जी को दोबारा एक पोस्ट लिखने की तकलीफ करनी पड़ती है..
जिस पोस्ट पर जगजीत सिंह के अंदाजा नहीं होने की बात आप कर रहे है तो उसी चर्चा पर पल्लवी त्रिवेदी और कंचन चौहान के कमेन्ट देख लीजिये आपको खुद ब खुद यकीं हो जायेगा..
@अजय कुमार झा
अजी टिपण्णी चर्चा तो भूले बिसरे गीत बन चुकी है.. दो टेम्पलेट समान होना गलत नहीं है.. पर इसके पीछे भावनाए गलत नहीं होनी चाहिए.. टिपण्णी चर्चा के बारे में नहीं कहा गया.. जिसके बारे में कहा गया है उन्हें पता है.. आप व्यर्थ में चिंतित न हो..
@स्वार्थी जी
आपकी इसी निस्वार्थ भावना ने हमें प्रसन्न कर दिया है.. अब तो हम आपको छोड़ने नहीं वाले हमेशा आपके साथ रहेंगे.. शर्त लगा लो
इस टिप्पणि मे बोल्ड वाली लाईन पर शख्त ऐतराज है, इसमे हमको भूले बिसरे गीत बताने की आपकी जुर्रत कैसे हो गई? चच्चा टिप्पू सिंह के निम्न सवालों के जवाब कौन देगा जो हमारे मन मे उठ रहे हैं?
क्या हमने टिप्पणी चर्चा शुरु करके कोई गलत काम किया या इस टिप्पणी कर्ता का इस विषय मे कोई कापीराईट है?
क्या उसने टेंपलेट का कापी राईट करवा रखा था? जो हमारे उपर अनर्गल आरोप लगाये?
क्या अजय कुमार झा जी ने कोई गलत काम किया? जो उन पर दवाब डाल कर यहां से उनको वापसी का ऐलान
करना पडा?
क्या हमने टिप्पणी चर्चा के माध्यम से उसकी तरह किसी पर कीचड उछालने का काम किया?
हर आदमी के अपने शौक होते हैं... हमने अपनी पोस्ट ५/६ दिन पुर्व ही लिखी है...और इन चर्चाकार महोदय को तो खुद के ब्लाग पर पोस्ट लिखे एक महिना से ज्यादा हो गया..तो ये किस मुंह से हमको भूली बिसरी बात बता रहे हैं?
हमको इस बात पर सख्त से भी सख्त ऐतराज है।
आप लोग इमानदारी से फ़ैसला दिजिये कि क्या हम किसी दुष्प्रचार मे सलंग्न थे? जो हमको बिना बात सबके बीच घसीट कर बेइज्जत किया गया? हमने एक भी टिप्पणी किसी की शान मे गुस्ताखी वाली कभी छापी?
क्या आप समझते हैं कि हम यह चर्चा ब्लाग चलाकर किसी के अधिकारों का हनन कर रहे हैं? अगर आप लोग ऐसा समझते हैं तो हम यह तुरंत बंद कर देंगे। हमको नही मालूम कि चिट्ठाचर्चा/टिप्पणी चर्चा करने का भी किसी से लायसेंस लेना पडता है।
हमको इस घिनौने कृत्य से बहुत ही दुख पहुंचा है, हम इस तरह चरित्र हनन के काम नही करते, पर कुछ लोगों को इसी मे प्रसिद्धि और प्रचार मिलता है।
अब हम भी कसम खाकर यह घोषणा करते हैं कि
हम किसी पंचायत मे नही पडना चाहते, और ना ही उनकी तरह किसी खेमाबंदी मे हैं। हम तो अपनी मौज मे लिखने का आनंद ऊठाना चाहते थे। और हम तो कोई चिट्ठाचर्चा भी नही करते थे जो उनके अधिकार क्षेत्र मे हमने हनन किया हो?
और अगर टिपणी चर्चा पर भी उन्होने कापीराईट ले रक्खा हो तो बतायें हम इसको बंद कर देंगे।
अब अगर हमको इस महाभारत मे घसीट ही लिया है तो हम भी पलायन नही करेंगे. और हमारी घोषणा भी सुन लें.
अगर हमको भूली बिसरी यानि दिवंगत कहने की जो हिमाकत की गई है उसके लिये क्षमा याचना नही की गई तो हम निम्न हथियार खुले आम प्रयोग करेंगे.
जो भी टेंपलेट ये लगायेंगे हम उसी को तुरंत लगा देंगे.
हमारी जितनी बेइज्जती कि गई है उसका पूरा हिसाब हम रोज पोस्ट लिख कर इससे मांगेगे।
अगर आप टिपणीकर्ता हमे गलत समझते हैं तो बिना हिचक बताईये हम तुरंत यह ब्लाग बंद कर देंगे। और अगर आप समझते हैं कि चच्चा टिप्पू सिंह सही कह रहे हैं तो आप इस न्याय की बात मे हमारा साथ दिजिये और चच्चा टिप्पू सिंह के सम्मान की रक्षा किजिये जो इसने सरेआम नीलाम किया है..
बडे दुखी मन से चच्चा टिप्पू सिंह आपको टिप टिप कहता है..और अजय कुमार झा जी आप पर अगर दबाव है तो आप स्वतंत्र हैं हम आपको दोष नही देंगे। क्योंकि जब ये लोग चच्चा टिप्पू सिंह जैसे निष्पक्ष इन्सान को भी सरे आम घसीट सकते हैं तो फ़िर किसी और को क्या छोडेंगे। अभी आखिरी अलविदा कहने का समय नही आया है, बदला चुकाने के बाद अलविदा लेगा चच्चा टिप्पू सिंह...एक बार फ़िर से टिप टिप...
चच्चा आप महान हो। हम आपसे सहमत हैं। मस्त रहिये।और जहां तक रही सर कटाने की बात तो आपको एक फ़ंडा बतायें। जो सर काटने की बात करे उसके ब्लाग पर एक बार टिपियाने की बात करना और एक बार पसंद करने की। देखना वो अपना सर झुका के वापस चला जायेगा।
टिप्पू चाचा, आप जाने की बात मत करो.
अनूप जी तरह मैं भी आपके साथ सहमत हूँ. डटे रहो. अच्छा प्रण है, ऐसा ही होना चाहिये:
'अन्याय के आगे नही झुकेंगे। सर कट जाये मगर सम्मान नही खोयेंगे।'
चच्चा, मुझे भी डराया है उसने, बोलता है छोड़ूंगा नहीं. आप डांट दिजिये उसे.
चच्चा अब गुस्सा छोडो भी, बच्चे हैं. आपके आने से किसे तकलीफ़ होगी? बल्कि खुशी ही होगी. आपके आने से कोरम पूरा हुआ. हम ताऊ और आप चच्चा.
वैसे अनूपजी की बात से हम सहमत हैं. चच्चा आप गुस्सा थूके और प्रसन्न रहे, हम सब आपके साथ हैं. आपको कोई गलती दिखे तो आपको डांटने का अधिकार है.
चच्चा टिप्पू सिंह की जय हो.
रामराम.
kush ji hamesha apni baat kah kar badal jate he. yah inki adat he. jab fans jate he, to chupne lagte he ki mene nahi kaha. itna darte he to shuru kyun karte he.
chacha inko danto.
चच्चा
ताऊ द्वारा कही बात हमारी भी मानी जाय |
चच्चा हम भी ताऊ से सहमत।
चच्चा आपको पंकज की टिप टिप !
आज पहली बार कही ऐसा कडा विरोध पढ़ रहा हु . आपने सचमुच जो दिल में था सब बाहर कर दिया है शायद कितने लोग नहीं कर पाते है .
आपको जाने के लिए कोई नहीं कह सकता आप अटल है और रहेगे अगर आप चाहेगे जब जायेगे अपनी मर्जी से जायेगे. हां हम इतना कह सकते है कि मत जाओ . आगे आपकी मर्जी . अगर आप मुझसे सवाल करते हो तो मै एक सवाल का जवाब दे देता हु . अज तक आपने कभी भी कोई आपत्ती जनक टिप्पणी नई छापी है ये सच है. और हां टेम्पलेट की बात है तो जो आपको पसंद आया आपने लगाया . वैसे भी जो टेम्प्लेट आज मै अपने ब्लॉग पर लगाया हु कल कोई और लगाया था परसों कोई और लगायेगा .
और दवाब की बात है तो ये पढ़ ले .
आदमी आजाद है , देश भी स्वन्त्रंत्र है.
अब तो प्रजा तंत्र है , अब तो प्रजा तंत्र है.
टिप टिप
चाचा जी समय बलवान की बात सुनिए .
खुशी इस बात की है कि आप जिन्दा है क्युकी जो भी कल आपको भूले बिसरे गीत पढा वो यही समझा कि आप .......लेकिन ऐसा नहीं है आपने यहाँ साबित कर दिया .
चचा जी एक विनती आप इनकी बात में मत आना अभी भी ये चर्चाकार आपसे माफी नहीं मांगे है सिर्फ अपनी सफाई दिए है . ऐसे ही मुझे याद है एक आर बबली के साथ भी हुआ था . आप इनको जानते नहीं है इनको तो आदत है राह चलते कोभड़काना
चचा टिप्पूसिंह जी आपकी बातों से पुर्ण सहमति। आपको तो इस कुश ने साफ़ साफ़ मरा हुआ ही घोषित कर दिया, यह इसका अहंकार बोलता है, चचा इसने ही **ली नाम की महिला ब्लागर को बिना किसी कारण के बदनाम किया। दूसरे करें तो चोरी और ये करें तो मौलिक...चचा जरा इनसे पूछिये कि इन्होने कौन सी दूकान से टेंपलेट खरीदा था?
चचा आप इसको छोडना मत..इसने कईयों की इज्जत खराब की है...सबका बदला आप ही ले सकते हो...वर्ना ये तो अपने आपको दादा समझता है...कब किसकी चर्चा करके मिट्टी खराब कर दे? क्या पता? अब तो इनकी चर्चा का प्लेटफ़ार्म सकारात्मक कम और लोगों की इज्जत खराब करने के ज्यादा काम आने लगा है। यानि इनको स्ट्रिंग आपरेशन करने की आदत पड गई है।
और हमको तो इस बात पर ऐतराज है कि ये आपको..भूली बिसरी बात यानि मरा हुआ कैसे कह सकता है?
आप तो एक चिट्ठाचर्चा भी शुरु करो चचा.. हम आपके साथ हैं..आप आगे बढो..हम चचा के साथ हैं।
चच्चा- यानी बुज़ुर्गवार! घर का कोई बच्चा अगर कोई बेअदबी करें तो घर छोड़ कर जाया नहीं जाता। और बुज़ुर्गवार! आपने शायद बहुत अधिक उत्तेजना में यह चर्चा लिखी है। शायद आज लिखते तो उसकी भाषा और तेवर कुछ और होते- बुज़ुर्गाना:) वहां तो साफ यह कहा गया है कि टेम्प्लेट पर किसी का कापीराइट नहीं होता और आप फिर भी धमका रहे हैं कि आप वहां का हर टेम्प्लेट कापी करेंगे। इस बुजुर्ग ब्लागर के नाते आपसे विनती है चच्चा कि गुस्सा थूक दें और अपना हस्ता-खेलता काम जारी रखें:)
tippu chacha, tippu chaccha maan jao...
hahahaha
;)
चाचा लग रहा है अभी भी कई लोग उनकी ही चमचा गिरी कर रहे है आप कतई गुस्सा मत थूकिये और हां ये मै आपको चढा नहीं रहा हो ये सच है अगर आज आपनम पड़ेगे तो कल फिर से चर्चा के बहाने आपका मटिया पलीद करेगे ये लोग . ये तो इनकी चाल है एक मारता है चार बोलते है मत मारो मत मारो फिर भी एक मार देगा तो चारो बोलेगे की अरे गलती कर दिया गुस्सा थूक दो
चच्चा!
अब तो गुस्सा छोड़ ही दो। हंगामा तो अब शान्त हो गया है।
आपसे तो दिग्गज ब्लॉगरों ने भी निवेदन कर ही दिया है।
हम भी अपना निवेदन आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं।
मेरे संज्ञान से तो टेम्प्लेट चुनने और उसका इस्तेमाल करने पर
कोई प्रतिबन्ध नही है।
मगर इतनी बात तो तय है कि ताऊ कभी छोटा नही हो सकता
जबकि चाचा तो भतीजे ही नही पोतों से भी छोटे पाये गये हैं।
चच्चा!
इसका गलत मतलब मत निकल लेना। मैं केवल उम्र की ही
बात कर रहा हूँ और उम्र में भी ताऊ ही बड़ा होता है। क्योंकि
उसके पास समीर सा वेग और आशीष की शक्ति जो निहित है।
राम-राम चच्चा!!
चचा जी प्रणाम , अब का बताये आप तो देख ही रहे हो अब तो हम अनामी बेताल भी हो गए और आप सुन्दरी अरे नहीं नहीं तनिक ठहरो तो सुन्दरी ना पसंद आये तो गबरू का विकल्प खुला है . आप समझ रहे है ना मै क्या कह रहा हु ?
चचा सुबह आपकी पोस्ट पढी काम पर गया था अभी आय हु . आपने एक बात मेरे मन की लिखी है आपने तो अभी २५ सितम्बर को पोस्ट की थी और कुश ने तो २५ अगस्त को पोस्ट की है आपसे एक महीना पहले . तो आप बीस हुए ना . चचा जी सही है सबका अपना अपना मन लेकिन अब तो मेरा मन अपना नहीं रह गया आपने तो हमें मुरीद बनाई लिया . चचा अभी भी आपका मजाक बनाया जा रहा है आप समझ रहे है ना ?
लो चच्चा ..कुश तो टिपणी मिटाकर भाग खडा हुआ और आप करलो अब क्या करोगे? ये तो साफ़ साफ़ आपके मुंह पर पर चांटा मार गया चच्चा टिप्पूसिंह जी। जरा जनता को भी पता चले की उसने टिपणी में क्या लिखा था और क्यॊं मिटा गया?
उसकी टिपण्णी तो छाप दिजिये जरा आपकी इमेल में तो होगी ही.:)
चचा टिप्पू सिंह जिंदाबाद...
चचा अपने रजिस्टर्ड भतीजे का प्रणाम स्वीकार करें...पोस्ट तो मैं सुबह ही पढ चुका था....मगर थोडा रुक कर अपनी टीप देना चाहता था....अब काम की बात...पहले दबाव की...जब मैंने आपका ये प्रयास सबसे पहली बार देखा था...तभी समझ गया था ..कि एकदम मौलिक विचार है...नीयत के बारे में सिर्फ़ इतना..कि जाकी रही भावना जैसी..प्रभु मूरत तिन देखहिं तैसी....सो तत्काल आपसे आग्रह किया कि चचा..हमें भी शामिल किया जाये....आपने भी फ़ौरन हमें मौका दिया...तो जहां तक दबाव की बात है...तो शायद लोग जानते नहीं हैं...अपना चरित्र कुछ स्पंज़ की तरह है...दबाव में और भी दोगुने वेग से प्रबल हो उठता है.....सो अब तो भतीज़ा जम गया.....टेम्पलेट वेम्पलेट तो आप ही जानो...इतना अब तय कर लिया है ...कि इसे भूले बिसरे गीत कहने वालों को अगले एक महीने में ही...इस गीत को इतना कर्णप्रिय बना कर दिखा देंगे....कि सब कह उठेंगे....वाह ये हुई न बात...ये वादा रहा.....
चचा एक किस्सा याद आ रहा है....बचपन में पढा था....
ध्यानचंद को किसी मैच में विरोधी टीम के खिलाडी ने हाकी से मार दिया...उनका सर फ़ूट गया....बाद में खलने उतरे ध्यानचंद ..ने विरोधी टीम को पूरे उन्नीस गोल से हराया...और जाते जाते उस खिलाडी को कहा..यदि मारते नहीं तो सिर्फ़ चार या पांच गोल से हारते.....
तो अभी तो सिर्फ़ इतना ही...अभी मेरे सक्रिय न होने का कारण थोडा तकनीकी था...मेल करके बताउंगा.....बस बकिया फ़िर कभी....
chachaa jee jaraa neeche ka padh lo ap ye aapke aate hee jal bhun gaye the aur ye tippanee kee thee aapke blaag par
हूँ...लागता गुलज़ार बाबू बहुते बढियां से बुडबक बनायें हैं भाई......
पर विवेक सिंह पूछ रहे हैं. जिसका जवाब भी पढ ल्यो।
विवेक सिंह said... @ August 29, 2009 6:36 AM
कौन हो वत्स ?
हमसे बिना पूछे ?
इतना धाँसू बिलाग शुरू कर दिया,
@ विवेक सिंह ...रिश्ते में तो बरखुरदार हम तुम्हारे चचा लगते हैं और चचाओं को तुमसे परमिशन लेने की जरुरत नही है।
अब बकिया चर्चा फ़ुरसत मिले पे करिहैं जी।
टिप्पू चाचा, आप जाने की बात मत करो. हम सभी तो आपके विचारो को पसन्द करते है।
about allah islamic quotes about islam 5 pillars of islam- Sakoonedil islamic waqiat qayamat jannah aur jahannam islamic life god in islam