हूँ...लागता गुलज़ार बाबू बहुते बढियां से बुडबक बनायें हैं भाई......

8/27/2009 Leave a Comment

ताऊ का कहना मानो भाग २ का २५ हजार लो !!

Udan Tashtari on August 27, 2009 6:32 AM
हमारा तो प्रचार हो ही गया है. बाकी का बकिया लोग जाने!! :)

ब्लॉगर पर नई सुविधा- लेबल क्लाउड (label cloud)

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: said...

आज कल एम्बेडेड बाक्स मेरी टिप्पणियां हजम कर जा रहा है । अभी आप के ब्लोग पर की टिप्पणी हजम कर गया है ।
वैसे धन्यवाद।

स्वाइन फ्लू हो या न हो स्कूलों में मोर्निंग असेम्बली बंद हो जानी चाहिए .

वहां पर अनूप शुक्ल और अविनाश वाचस्पति की दिलचस्प  टिपणियां है पर मैडम जी ने ताला लगा रखा है, आप ख्द ही जाकर देखल्यो।

काहे कि हम कुछो नहीं समझे हैं.....

Udan Tashtari said...

पोस्ट लिख कर ही समझाना पड़ेगा..अब न खोजाओ सर!! जब अब तक समझ नहीं आया, तो ऐसे नहीं आयेगा. :)


'अदा' said...

हूँ...लागता गुलज़ार बाबू बहुते बढियां से बुडबक बनायें हैं भाई......


हम येही सोच के दुबराय रहे थे की कहीं हम बूढा तो नहीं गए हैं कि कुछ बुझबे नहीं कर रहे हैं...


चलिए अब हम ऐकले नहीं नू हैं बुडबक !!!!

August 26, 2009 9:20 PM


कैसा ये कहर!

वाणी गीत ने कहा…भयंकर तूफान में कोई मानव क्षति नहीं हुई..वहां के कुशल शासन प्रबंधन को दर्शाता है ..tarnado तूफान के बारे में दी गयी जानकारी से इसे समझना आसान हुआ..मगर फोटो के बारे में हम कुछ न कहें ..वही अच्छा है ..!!

"गब्बर और सांभा वापस ठाकुर की हवेली में : ताऊ की शोले"


अविनाश वाचस्पति said...

चित्रों ने पूरी फिल्‍म का


चित्रहार दिखला दिया


ताऊ की धमाचौकड़ी


पसंद आ रही है।




शोले अभी चित्र ही देखे हैं


अब निकल रहा हूं


रात को फिर वापिस आकर


पढूंगा और विशेष टिप्‍पणी करूंगा।




विश्‍वास है कि 


पूरा आनंद आएगा सबको।

August 25, 2009 4:50 PM

पहचान कौन ?

इन्होने भी ताला ठॊका हुआ है. आपे जाके  पढल्यो।


शाम को फ़ुरसत हुई तो फ़िर मिलेंगे।


15 comments »

  • Himanshu Pandey said:  

    बेहतर टिप्पणी चर्चा ।

  • वीनस केसरी said:  

    बहुत बढ़िया संकलन

    वीनस केसरी

  • अनूप शुक्ल said:  

    गुड संकलन है जी!

  • विवेक सिंह said:  

    कौन हो वत्स ?

    इतना धाँसू बिलाग शुरू कर दिया,

    हमसे बिना पूछे ?

  • शरद कोकास said:  

    बस एतना ही लिखे हो हम समझे कि कुछ और है ..

  • Udan Tashtari said:  

    ये क्रियाक्रम, ओह सॉरी, कार्यक्रम भी सही है टिप्पणीचर्चा का!! लगे रहिये, मजेदार!!

  • अविनाश वाचस्पति said:  

    बिना टिप्‍पणी किए टिप्‍पणी
    बहुत अच्‍छी है यह बात बनी
    पोस्‍ट पर तो लगाते रहे हैं हम
    अब टिप्‍पणी करने में भी चाहिए दम।

    बहुत अच्‍छा लगा यह ब्‍लॉग
    टिप्‍पणियों की आग को इस
    माध्‍यम से ज्‍वलंत रखिएगा।

  • स्वप्न मञ्जूषा said:  

    युंकी.... इ हम का देख रहे हैं !!!!
    इसको कहते हैं आम के आम और गुठलियों के दाम....

    छाई टिपण्णी बहार...
    देखा टिपण्णी हमार
    मन बोला एक टिपण्णी
    देई जा देई जा
    (सुर है....आई बरखा बहार..परे अंगना फुहार)

  • विवेक रस्तोगी said:  

    वाह टिप्पणी पर टीपनी की बहार...

  • डा० अमर कुमार said:  


    ई का हो , अब बिलागर पर एही सब होगा ?
    ई कईसा ऎडिया है, भाई ?
    बोले तो झक्कास !

  • Gyan Darpan said:  

    बहुत बढ़िया संकलन

  • Anonymous said:  

    http://www.blogger.com/profile/16451273945870935357

  • ताऊ रामपुरिया said:  

    वाह जी टिपणीचर्चा की कमी थी वो भी पूरी हुई जी.

    रामराम.

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