आये थे सम्मलेन में लोटन लगे लोट्वास,:इलाहाबाद से लौट कर
सबसे पहले तो चच्चा की तरफ़ से टिप तिप ..टिप टिप संभालो जी। अब आप ये पूछेंगे कि चच्चा दू दिन कहां गायब हो गये थे? त हम अप लोगन का पूछने से पहले ही बता देता हूं कि हम इलाहाबाद कुंभ मा गये रहिन….अब आप फ़िर पूछेंगे कि इ कुंभ अभी कहां से आ टपका? त भाई इ ब्लागर कुंभ रहा… अब हम इस पर का रिपोर्ट करें? पल छिन की रिपोर्टवा त आपको मिल ही रहा है..यानि लाइव टेलीकास्टवा त चल ही रहा था न? कैसन सब बडकवा छुटकवा लोग इतरा रहा था ऊ सब त आपको मालुम चल ही गया होगा ना?
अऊर यूं भी ई हमारा काम तो नही है…अब ऊंहां का बारे मा हमार का विचार बतावें आपको? उहां भी येही ई सब कुच्छौ था जो हियां रोज होबे करता है….एक ठो टिप्पणी देखा जाये फ़िर आप ही ब्लागर कुंभ का हाल चाल समझ ल्यो…चावल की हांडी मा एक ठो चावल ही देखा जात है…..त ई चावल रुपी टिप्पणि देखा जाये
लोटपोट पर सुबह -सुबह की चर्चा
ज्ञानदत्त पाण्डेय| Gyandutt Pandey Says: Posted on October 24, 2009 1:32 PM कोई मारपीट हुई अबतक? कोई वारदात? कोई जूतमपैजार? |
एक ठो अऊर टिप्पणियां इसी पोस्टवा से ….
कविता वाचक्नवी Kavita Vachaknavee Says: Posted on October 24, 2009 2:39 PM अच्छा लग रहा है, ब्लॉग संगोष्ठी का अद्यतन प्रसारण|
विनीत की रपट, फुरसतिया का फुरसतनामा, एकेडेमी की आधिकारिक जानकारी और विस्फोट का समाचार सभी बाँचे गए हैं. |
अऊर अब एक ठो पोस्टवा पर…कमेंटवा देखा जाये….
दूसरे दिन का पहला सत्र शुरू
विवेक सिंह Says: Posted on October 24, 2009 6:27 PM लगता है इलाहाबाद में कुछ लोगों को पर्याप्त भाव नहीं मिल पाया, |
ब्लागर सम्मेलन प्रेमी Says: Posted on October 24, 2009 6:49 PM ”अरविन्दजी ने अपने ब्लाग का प्रचार किया केवल कि हमारे साइंस ब्लाग में ये किया जा रहा है, वो किया जा रहा है।” |
अब आगे बढा जाये….
पड़ चुके हैं संतों के चरण प्रयाग में ...
टांग खींचना और खिंचवाना एक कला है जो हमारे भारतीय खेल कब्बड्डी का मुख्य हिस्सा है. इस लिये टांग खींचे जाने की चिंता मत किजिये. टांगे खींच खांचकर ही तो कबड्डी के खेल की रोचकता बरकरार रह पाती है. |
जंह जंह पाँव पड़े संतान के तंह तंह बंटाधार .... |
अब ई त आप समझ ही गये होंगे कि ऊहां सम्मेलन मे क्या क्या हुआ? कैसे सब अपने अपनो का फ़ोटो मोटो छापा गया? हम भी ऊहां रहे पर हमका चाय जलेबिया नाही ना मिला..पर सच बातायें ..हम खा भी लेता चाय अऊर जलेबियां..पर ऊ का है ना कि चच्चा को जरा सूगर से तनि एलर्जी है ..ससुर सूगर बढा हुआ है ना ..त हम सूगर अऊर इन सूगर बाज लोगन से दूरी ही रखत हैं…आप लोग समझ ल्यो..हमरा ज्यादा मुंह ना खुलवाओ…वर्ना फ़िर कहोगे कि चच्चा तुम भी…… अऊर नाही त क्या? रिपोर्टिंग का नाम पर कैसन लोगन को फ़िर से बेइज्जत किया गवा कि नाही?
हां तो अब आगे बढा जाये…
मेरे सभी दोस्तों को (To All my friends…)
Interesting !! |
देखो भई बातें 4 हैं:- |
गब्बर और सांभा हुये परेशान!
गब्बल छाम्भा अब पुले ब्लॉग जगत को तोतला बालने पर अमादा है क्या .......... |
गूगल, यूं हिंदुस्तानियों के साथ खिलवाड़ न करो
आज गूगल के बिना इन्टरनेट के बारे में सोचना भी अटपटा सा लगता है... पर इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं है की वो हमारे देश के नक्शे के साथ इस तरह से खिलवाड़ करे और हमारी भावनाओं को आहात करे... गूगल के बारे में आपने इस लेख के ज़रिये उस पर पूरी तरह से आश्रित हो चुके हम सब लोगों को इस सच से अवगत कराया इसके लिये आपका हार्दिक धन्यवाद... उम्मीद करते हैं गूगल अपनी इस भूल को जल्द ही सुधारेगा. |
का्र्टून:- बाप रे.. बहुत तेज़ चैनल..
चोर चोर मौसेरे भाई है. एक करता है, दुसरा दिखाता है. |
रामप्यारी ने तोडी रिकार्ड ,टिप्पणी हुआ 300 के पार (चर्चा हिन्दी चिट्ठो की )
जबरदस्त से भी जबरदस्त!! |
रामप्यारी को बहुत बहुत बधाई... हमें तो पता ही ना था की रामप्यारी एक रिकॉर्ड अपने नाम करने जा रही है, वरना हम भी ३०० के आंकडे में अपना नाम जोड़ लेते :( |
वीरेंद्र सहवाग के बाद पहली ट्रिपल सेंचुरी बनाने के लिए राम प्यारी को हार्दिक बधाई... |
जब भी ब्लागजगत का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें रामप्यारी का नाम सबसे ऊपर होगा :) |
रामप्यारी को हमारी बधाई- चलो आपके इस रिकार्ड बनाने मे हम भी सहभागी बने,आपने घणी-घणी बधाई, आज तो गुगल वालों ने दो पेज़ जोड़े हैं कल इनको पुरा रेल रैक जोड़ना पडे, पंकज जी चर्चा बहुत जानदार रही,आपको शुभकामनाएं |
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है...खुशदीप
आप भी न !!! |
हम तो इन स्लोग ओवरों के मारे हैं खुशदीप भाई ....कहाँ कहाँ से ढूंढ लाते हैं आप इन्हें |
क्यों झूठ बोलते हैँ खुशदीप जी?...आपके मक्खन की तरह मैँने भी तय मेहनताने के अलावा अपने पुताई वाले को दो सौ के बजाए तीन सौ रुपए थमाए कि ..."जा!...ऐश कर...शाम को बीवी के साथ पिक्चर-विक्चर देख लैईयो "...लेकिन वो पट्ठा तो साफ मुकर गया.. |
खुशदीप जी, |
जीवित रहना चाहते हो तो एक अदद सगे सम्बन्धी का जुगाड़ तो कर ही लो!
चेन्नई के ही एक अस्पताल के सामने यह दृश्य मै देख चुका हूँ आश्चर्य कि वह गरीब बीमार एक दक्षिणभाषी था लेकिन वहाँ उसका कोई सम्बन्धी न था उसे न हिन्दी आती थी न इंग्लिश् मैने किसी तरह भरती करवाने मे उसकी मदद की । पता नहीं इंसानियत को यह क्या होता जा रहा है । |
सुधीर को कोई सगा सम्बंधी ही छोड गया होगा। लेकिन अस्पताल वाले मरीज को बाहर फेंक दें, यह अमानवीयता है। अस्पताल में भी सैकडों मरीज होते हैं और वे सभी को नर्स मुहैया नहीं करा सकते इसी कारण वे परिवारजन की मांग करते हैं लेकिन यदि रोगी अकेला ही है तो ऐसी अमानवीयता दिखाना तो निंदनीय है। |
इलाहाबाद से लौट कर :कुछ खरी कुछ खोटी और कुछ खटकती बातें ! एक असली रिपोर्ट…आंखों देखी ..जिस पर निम्न टिप्पणि आई है…
मिश्रा जी , आपने सही कहा है इसको जबरिया बाजारू चैनल की तरह लाइव बताया जा रहा था , जबकी ये तो एकदम से समझ समझ कर और छाट छाट कर फोटो बाजी और रिपोर्टिंग बाजी हुई है .................. |
अऊर एक खास खबर ई है कि आजकल मगरुरवा भीख मांगत फ़िरत हैं…अरे भाई समझत काहे नाही हो? मतबल ई कि जिन लोगन की खिल्ली उडाने काम ऊ करत रहत थे उन लोगन से आजकल कवि बनने का खातिर भोट मांगत फ़िरत हैं…उनका जी टाक मा भीख मा भोट मांगत फ़िर रहे हैं…पहले काहे नाही सोचा ? लोगों का खिल्ली उडाने से पहले सोचने का था कि कभी कवि बनने का लिये भीख भी मांगनी पड सकत है.
अब टिप्पू चच्चा की टिप टिप..बकिया चर्चा कल करेंगे…
जोड घटाव :-
१. इस पोस्ट मे विवेक रस्तोगी की टिप्पणी मे ध्यान दिलाये जाने पर उनकी पोस्ट मेरे सभी दोस्तों को (To All my friends…) का शीर्षक २५ अक्टूबर २००९ को सुबह ९:०० बजे जोडा गया है।
-चच्चा टिप्पूसिंह
चच्चा टिप टिप ले लो शानदार और इतना तेज रिपोर्टिंग तो सचमुच नहीं हुई कही है
हमका लागत रहा कि आप इलाहाबाद में हो और सही पूछो तो कलही से हम आपके ही इंतज़ार में थे काहे के कि पता रहल की आपे सबसे तेज रिपोर्टिंग करब और कइल भी सबसे तेज और निष्पक्ष रिपोर्टिंगकरब
चच्चा गोदियाल जी की टिप्पणी तो दे दी पर हमारे पोस्ट जिस पर ये टिप्पणी दी है उसका पता देना भूल गये। :(
जंह जंह पाँव पड़े चच्चा के तंह तंह बेड़ा पार...
जय हिंद...
टिप्पू चच्चा की नजर है या रेडार...कोई बच नहीं पा रहा..दूर दूर से सब को लपेटे ले आये हो चच्चा!! इसी से तो भागे आ जाते हैं जब पता चलता है टिप्पू चाचा आ गये. आप नहीं गये बिलागर सम्मेलन में इलाहाबाद?
चच्चा यह मेरी फोटो कभी कभी बड़ी मिसफिट हो जाती है जिसे आपने प्रमुखता से स्थान दिया वह मेरी एक गम्भीर टिप्पणी है लेकिन बगल मे मेरा दाँत दिखाता हुआ फोटू देखिये ऐसा लगता है जैसे मै कोई चुटकुला सुना रहा हूँ । एक ठो एक्स्ट्रा फोटो का प्रावधान नहीं है क्या ?
लपटत परत गरत हपटत-झटपट हपटत सरपट चलत ।
मंगत कर धर वर समरथन जब कलम धर कह बनत । ।
जय होय भैया तोहार, अब एहो दिन देखे के परी-होवन दे पै लागी
(आजकल मगरुरवा भीख मांगत फ़िरत हैं-पहले काहे नाही सोचा ? लोगों का खिल्ली उडाने से पहले सोचने का था कि कभी कवि बनने का लिये भीख भी मांगनी पड सकत है.)
"कभी कवि बनने का लिये भीख भी मांगनी पड सकत है"
कमाल है!! कवि बनने के लिए इत्ती भारी अग्नि परीक्षा :)
शरद जी आपने तो अपनी खुद की मौज ले ली :)
अऊर एक खास खबर ई है कि आजकल मगरुरवा भीख मांगत फ़िरत हैं
इ बात आपके कैसे पता चलल चच्चा जी
@पं.डी.के.शर्मा"वत्स"
पंडित जी कमाल तो मुझे भी लग रहा है पर का करेगे शायद आज कल इ भी स्मार्टनेस में आवत हो:)
बाप रे ...हमरा टिपियाये पे इतना नजर है ...अब तनिक सोच समझ के टिपियाये पड़ी ...
अच्छा रहा यह अंक भी ...!!
हाँ विवेक की परिकल्पनात्मक टिप्पणी सही है वे आये होते तो उनको भी भाव दिया जाता -खेमा उन्ही का हावी था !
क्या करियेगा हिन्दी बेल्ट अपनी इन कमजोरियों से उठ ही नहीं पा रहा !
टिप्पू चच्चा ने कुंभ में कुछ नहीं देख्या?
चर्चा अच्छी लगी...
बहुत बढ़िया चर्चा.
मिश्रा जी सब एक साथ कैसे रह सकते है किसी को तो बैकप के लिए छोडना चाहिए ना :)
अहाआआ !!!
टिपण्णी की ऐसी मनोरम छटा देख मन तिपन्निमय हो गया है....
ऐसा प्रतीत होता है स्वयं टिपण्णी देवता टिपण्णी की बारिश कर के गए हैं....हमरा भी स्वयं टिपण्णी देवता दिए रहे दरसन और कहा....जा बालिके टिपण्णी का भडार दिया तुझे...खूब टिपण्णी कर.....और टिपण्णी चर्चा में तुम्हारी छवि (black and white) यत्र-तत्र सर्वत्र ..गाहे-बगाहे दिखाई पड़ेगी......लोग तुम्हें टिपण्णी कुमारी के नाम से याद रखेंगे....बस उहे तिपन्निया ले आये हैं चढावा चढाने महराज......स्वीकार करल जावे...!!!!
लोकेषणा बनाम कहास दिखास छपास दिखास जैसे
तत्वों का रचनाकार उर्फ़ ब्लागर्स की देह
में भी हैं उसके चलते जो भी हो रहा है ठीक ही है
Dear Tipu chachaa,
your point of discussion is very good and your IQ seems to be very well. I like your blog and the discussion you hold!
And aajkal tippaniyo main "Adaaji" ke vichaar aur darshan prapt ho jaate hain..............!
God Bless You and plz continue such work!!!
THANK YOU :)
HEY PRABHU YEH TERAPANTH