बेचारी महफ़िल..कुछ ऐसी लुटी..कि दुनियां को कुच्छौ समझ नही आया….
लो जी चच्चा टिप्पूसिंह फ़िर आ लगे आपसे टिप टिप करिबे को। ऊ का है ना कि चच्चा को चैन नाही है इसलिये फ़िर आ धमके आपसे टिप टिप करने। ऊ का है कि चच्ची ने हमसे साफ़ साफ़ कह दिया कि – देखो मियां ..अगर बिना अपमान का बदला चुकाये घर वापस आये तो हमारा मरा मुंह देखो। तो मियां हम तो बिना बदला निकाले घर जा नही सकते और इंहां खाली बैठे जो भी टिप्पणी मिप्पणी चर्चा हो….. ऊ करते रहेंगे। तो अब रोहित बचुआ आगये हैं और शुरु करते हैं आज की चर्चा…आज का समाचार हमार मतबल कि टिप्पणी बांचे का काम हम करेंगे और कंप्युटरवा पर अंगुलियां रोहित बचुआ चलायेंगे।
आज सबसे पहले ऊ पोस्टवा देखिये जो ब्लाग मालिकवा ने पूरे करीब डेढ महिना बाद लिखा है अऊर उपर से किसी के समझ मे ही नही आई..यानि उपर से ही निकल गई….का कहा जाये..अईसन लोगन को.....अपने आपको जरा ज्यादा छायावादी समझन लगे हैं। खुद का कुच्छौ पता नही अऊरन का भूली बिसरी बात बताने मा लगे रहत हैं?
“ बेचारी महफ़िल..कुछ ऐसी लुटी..” कि दुनियां को कुच्छौ समझ नही आया…..
रंजना [रंजू भाटिया] said... बहुत गहरी पोस्ट है जो मुझ जैसे कमअक्ल के सर के ऊपर से गुजर गयी :( October 10, 2009 9:08 AM |
इसी पोस्ट पर दो टिप्पणी प्रति टिप्पणी देखिये तनिक।
डॉ .अनुराग said... किबला ...फिराक साहब याद आ गए .ऐसे मौको पे उनके बारे में कई किस्से है ...पर यहाँ लिखे तो मामला कुछ "सनसनी " सा हो जाएगा ...(वही स्टार न्यूज़ पे एक दाढ़ी वाली साहब आ कर कहते है .सनसनी )...
October 9, 2009 6:46 PM |
गौतम राजरिशी said... अरे ये महफ़िल तो जानी-पहचानी सी लगी है...
अब ऐसी मुशायरों की रपट लगाओगे कुश तो यही गड़बड़झाला होगा October 10, 2009 2:14 PM |
अब एक और पोस्ट …..
कार्टून:-आज दांत फाड़ने का दिन है...मुस्कुराने से काम नहीं चलेगा…..
इस पोस्ट पर सबसे बडी टिप्पणि पर कमाल ये कि सिर्फ़ एक ही अक्षर में….
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- Udan Tashtari, October 10, 2009 7:54 AM
हा, हा, हा, हा, हा, हा,हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा, हा,
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-नारद नाद!!
और अब इसी पोस्ट पर सबसे छोटी दो टिप्पणीया……
:)...:D |
:) |
ए चौदहवी के चांद - सुहानी रात ढल चुकी है,, ना जाने तुम कब आओगे?
"अर्श" said...
बचपन में जब चित्रहार और रंगोली देखता था तो इस गाने का इंतज़ार हमेशा किया करता था , अगर कहूँ के यह गीत मेरे साथ बड़ा हुआ संगीत में तो गलत ना होगा... इस गाने के बोल म्यूजिक सब कुछ तो है और सबसे बड़ी बात है अदाकारी , फरीदा जी जीतनी खुबसूरत इसमें लगी है शायद ही कसी और गाने मैंने देखा है.. कुछ भी कह पाने में समर्थ नहीं हूँ इस गाने के लिए ...बहुत बहुत बधाई और आभार आपका दिलीप जी
अर्श
October 10, 2009 12:50 PM
यहां सब ज्ञानी हैं...खुशदीप
यहाँ ज्ञान ना बांटें ...ब्लॉगजगत की उठापटक तो यही बता रही है ...मगर जिसका नाम ही ज्ञान से जुडा हो ...वो क्या करे ... |
अब इसी पोस्ट पर टिप्पणी प्रति टिप्पणी…….
किसी पोस्ट पर ही पढ़ा था, लेकिन लिखने वाले ब्लॉगर भाई का नाम याद नहीं आ रहा...इसलिए क्षमा चाहता हूं... |
रतन सिंह जी, |
करवा चौथ ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकता है….
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एक लाइन में चलती हुईं ताजा प्रविष्ठियां दिखाएं (Horizontal scrolling recent posts)…..
ओजी वाह भई वाह। लगा लिय हमने भी। लग गई ताजा खबरें। ...और खबरों में तो संगीता जी ही संगीता जी नजर आ रही हैं। मजा आ गया। धन्यवाद आशीष जी। |
महिलाओं में परकाया प्रवेश : कुछ दिलचस्प तथ्य/अनुभव ………….
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अऊर अब आखिर मां ई देखिये…..आज उर्मिला बोलेगी...
सावधान ! हे रघुवंश
वो शब्द एक न तोलेगी
मूक बधिर नहीं,कुलवधू है
आज उर्मिला बोलेगी |
कुछ उपेक्षित कर दिये गये पात्रों पर अपनी संवेदित दृष्टि डाल रही हैं आप । |
अब चच्चा टिप्पू सिंह और रोहित को आज्ञा दिजिये. हमार रोहित बचवा का ई प्रयास कैसन लगा? आज हम रोहित बचुआ को प्रेक्टिस करा दिये हैं…अगर आपको अगली चर्चा यानि ब्लाग चर्चा रोहित बचुआ की तरफ़ से दिखे तो आश्चर्य मत किजियेगा।
हमारा सत्याग्रह जारी रहेगा…..हम अपने उपर जुल्म नही सहन करुंगा…और आप भी मत सहन किजिये. हमको अपना बेइज्जती बडा दुख दे रहा है। हमार इज्जत को तार तार कर डाला… ऊ तो बिल मा घुस गया हमारा कलेजा मा आग लगाई के…अऊर आप लोगन को भी बडा दुख दिया है..हम उसको बिल मा निकाल के रहुंगा….भैया हमार कलेजा रोवत है…..
अब का बताई…?
अगर ऊ हमको दू चार झापड मार लिये होते त हम अब तक भुला गये होते..पर ई ससुर हम निर्दोष प्राणी को जबरने घसीट के भरी चौपाल मा बेइज्जत कर डाला…अब का करें..आप ही बताओ..हमार तो दिवाली ही खराब दिये हैं..ई लोग..अऊर खुद शान से घर मां घुस के बैठे हैं अऊर हम घर के बाहर पडा हूं….ठीक हैं..देखत हैं हम भी…
तो अब चच्चा टिप्पू सिंह की तरफ़ से टिप टिप……..
अन्याय के आगे नही झुकेंगे। सर कट जाये मगर सम्मान नही खोयेंगे।
नोट : हमारा सत्याग्रह को आपमे से 81% ने बिल्कुल सौ प्रतिशत सही माना है उसका लिये हम आपका धन्यवाद करता हूं अऊर भी आप लोग इस विषय मे भोट डालिये ना।
टिप्पू चच्चा, ताऊ तो आपके लिए रामपुरी लट्ठ लिेए तैयार बैठा है...बड़ी मुश्किल से रोक रखा है...आप ये बताओ हमें आमरण अनशन कब से शुरू करना है...
जय हिंद...
माना कि बहुत आग है माहौल में लेकिन
होगी समझ की बरसात मायूस न होना
अब भैंस उसी की है लट्ठ भी है उसी की
ब्लागर की किसी बात से मायूस न होना
यह रँग यह माहौल बदल जायेगा चच्चा
तुम बदले हुये हालात से मायूस न होना
एक्ठो सतियागिरह करेगा, दोसरका अन्टशन्ट करेगा.. धुत्त !
तऽ बिलागिंग का बिलार करेगा ?
वाह चच्चा छा गऎ......... मगम्बो कुश हुआ
mumbai tiger
भूल सुधार
कुश= की जगह खुश पढे
मुम्बई टाईगर
हे प्रभू यह तेरापन्थ
चच्चा जी टिप टिप ,
चच्चा आपका कमेन्ट पढाई खातीर ४ बजे से जागत बानी. चच्चा हमार बोदूराम भी कुछ शायरी कईले बाड़े तनिका देखी समझ में आवत बाड़े का
जोरदार रहा ई टिपण्णी चर्चा ...!!
वाह!
अच्छे तकनीकी मेल सहित उम्दा टिप्पणी चर्चा
बी एस पाबला
रोहितवा तो बड़का होनहार है जी चच्चा!! ऊ का तो सत्ता अलगे से सौंप दो..अच्छा बैण्ड मास्टर है..सहीये बजायेगा. आप आपन जरी रखियेगा मगर...मथ्था टेकने का तीरथ भी तो चाहिये न!!
अब कतना तरीफवा का पूलवा बांधे...
तिपनी चर्चा तो एकदम नीमन रहा भाई...औ आपका कम्पूटर बाबु भी एक फुलतौस रहे.....उहे रोहित्वा बाबु...!!
चचा आज तो आप फ़ुल फ़ार्म मे लिखे हो. आपकी तारीफ़ लायक तो शब्द ही नही हैं. और रोहित तो सच में ही बडा लायक बच्चा है. जरुर नाम कमायेगा. चचा की और चचा के दरबार की जय हो.
रामराम.
मस्त चर्चा।
टिप्पणी चर्चा का कलेवर बढ़िया ही बढ़िया हुआ जा रहा है चच्चा जी ।
टिप्पणियाँ तो चुन चुन कर सजायी हैं आपने । आभार ।
जी चच्चा .. सारे चिट्ठों से टिप्पणियों को ढूंढ ढूंढकर लाने में आपका जबाब नहीं .. जरा प्रवीण जाखड जी का मेरे नाम से ही इतना खुश हो जाने की वजह भी पता लगा दें .. तो हम आपके शुक्रगुजार रहेंगे जी .. ऐसे कोई खास वजह नहीं .. बस ऐसे ही जिज्ञासा बन गयी है !!
चच्चा आज भी मजेदार चर्चा कर गए | बस ऐसे ही चर्चाते रहिएगा |
Computer Ka Avishkar Kisne Kiya
Indian Scientist In Hindi
Mobile Ka Aviskar Kisne Kiya
Tv Ka Avishkar Kisne Kiyai
Google Ki Khoj Kisne Ki
Bulb Ka Avishkar Kisne Kiya
Proton Ki Khoj Kisne Ki