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काट लूं साले कुत्तों को और खबर बन जाऊं : चच्चा टिप्पूसिंह की चर्चा

10/15/2009 Leave a Comment

लो जी ..जैसे चच्चा टिप्पू सिंह बिन बुलाये टपक पडते हैं वैसे ही  इस साल की  धन तेरस भी टपक ही पडी….. तो आज धन तेरस की टिप टिप…लेलो जी।

 

हां तो हम का कह रहे थे?  हां हम ई कह रहे थे कि लोग घर जाये का खुशी मा एतना एक्साईटिया जात हैं कि चर्चा को को भी प्राईवेट लिमिटेड कर देत हैं…यानि आपन एक दू जन की चर्चा को चर्चिया दिये अऊर निकल भागे दिवाली मनाने…भले ही दुसरन की दिवाली खराब कर दिये हों?

 

खैर चच्चा …को तो चच्ची घर मा घुसने नाही देत है..काहे?  अरे भाई आप लोगन को सब मालूम बा…जियादा बनिये मत…..तो अब का करे? हमका कई संदेस आई रहिन ई-मेल मा कि चच्चा ऊ त आपन आपन दू चार लोगन का चर्चा करके भाग लिया दिवाली मनाए का एक्साईट्मैंटवा मा…अब हमार चर्चा आपे करो..तो का करें…आज हमको ई ब्लाग चर्चा को चर्चियाना पड रहा है। अऊर अभी रोहितवा भी ईंहां नाही है…कारण की ऊ भी बडका आशिक है टिप्पणी पढे का…ऊ ही हमका टिप्पणी ला ला कर देत है।

 

त आज का ब्लाग-चर्चा शुरु करत हैं…. अऊर हां…आप सब को कैसन लगा? अऊर ई ससुर कलेवरवा उलेवरवा..का होत है?  अगर कहिं दिखे त जरुर बताना….अऊर हांआप लोगन को कोनू पिरोबलेम हो..चच्चा से कछु कहना हो त साईड वाला ईमेल मा शिकयत कर दो…चच्चा आपकी सही शुकायत पाये जाने पर जरुर कारवाई करेगा…तो अब चलिए आज की चिट्ठाचर्चा पर…..

गुरुजी का दीपावली का नायाब तोहफ़ा

[DiwaliLight[3].jpg]  [deepawali[3].jpg]तरही की धमाकेदार शुरुआत की है बिटिया अनन्‍या ने, और अब सिलसिला आगे बढ़ा रहे हैं डॉ. मोहम्‍मद आज़म, तिलक राज कपूर जी, प्रकाश पाखी, मुकेश तिवारी तथा पारुल ।

*दीप जलते रहें झिलमिलाते रहें तरही भाग 1 अनन्‍या को पढ़ें * *दादा भाई महावीर जी के मंथन पर अपने इस मित्र की दीपावली विशेष कहानी

 

अऊर आगे चला जाये…

 


धनतेरस का दिन है खास (अविनाश वाचस्‍पति)


दिन है खास जगा विश्‍वास पूरे होंगे होशो हवास । बटोरें नोट काले घेरे छोड़ें हरे नीले और लाल बटोरें। एक के बदले धनतेरस के शुभदिन तेरह ले लें। आयें जल्‍दी जमा करवायें दीपावली पर रोशनी पायें जगमगायें।

साईड मिरर-एक लघु कथा



उस दिन जब मंदिर से निकला तो तुम्हारी कार बिल्कुल मेरे कार के पीछे पीछे निकली. एक ही हाईवे भी लेना था. मेरी कार आगे आगे और तुम्हारी पीछे. मैं* साईड मिरर से तुम्हें साफ साफ देख पा रहा था.

My Photo


हेडलाइन टूडे के रिपोर्टर गौरव सावंत के नाम

इंडिया टूडे ग्रुप की ही चर्चित हेडलाइन टूडे का अपना एक ब्लौग है Hawk Eyeजिसके मुख्य कंट्रीब्युटर हैं हेडलाइन टूडे के स्टार कौरेस्पांडेन्ट गौरव सावंत । इसी ब्लौग पर उनकी 25 सितम्बर की प्रविष्टि है, जिसके बारे में मुझे जानकारी बस परसों ही मिली थी।

 

अब जरा मास्साब की भी तनि सुनल्यो भैया…वर्ना बेंत हाथ मा रखत हैं मास्साब….!

 

कुतर्क का कोई स्थान नहीं है जी.....सिद्ध जो करना पड़ेगा?

प्रमाण महत्वपूर्ण है, लेकिन निगमनात्मक (निगमन-आधारित) प्रमाण के साथ बच्चों को यह भी जानना चाहिए कि चित्र व निर्मित  प्रमाण कब और क्या क्या प्रदान कर सकते हैं। प्रमाण देना एक ऐसी प्रक्रिया है जो संशय (शंका) करने वाले विरोधी पक्ष को आश्वस्त (और शायद पस्त) करने के लिए परमावश्यक  है; और शायद यही तार्किकता की पहली सीढी भी ? ( स्कूली गणित के माध्यम से प्रमाण को व्यवस्थित तर्क-वितर्क के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। )

 

अऊर बढा जाये……

 

न जाने कब से दोनों जल में ही जल रहे हैं

हम हैं घटायें कारी और वो हैं घनेरे बादल
न जाने कब से दोनों जल में ही जल रहे हैं
खुशियों के पाँव आये थे वो रेत पे चलके
मिटने का डर है खौफ़ है हम उनपे चल रहे हैं



मौलिक चिंतन जाये भाड में!!



कल के मेरे आलेख पर ab inconvinienti ने टिपियाया: हर मौलिक चीज़ भारत में गटर में फेंकने लायक समझी जाती है. विदेशियों की नक़ल उतार कर उनकी बुराइयाँ ज़रूर अपना लेते हैं


नए जन्म की तैयारी, रसीदी हिन्दी और दशहरा मेला


कुछ समझ नहीं आया, क्या जवाब दिया जाए? फिर  साथियों से सलाह की तो निष्कर्ष निकला कि उस की आत्मा, पंखा और पम्प निकाल कर बाकी की जर्जर देह दे दी जाए। बेटे और उस की माँ ने यही किया। जर्जर देह के सवा-दोसौ रुपए खड़े हो गए, देह भूतों में जा मिली।

 

एकरा बाद मा…..देशनामा पर…

 

My Photoअपनी टीआरपी कैसे बढ़ाएं...खुशदीप 
कल मेरी पोस्ट...देश सबसे पहले...पर सागर की टिप्पणी आई थी कि यह हुआ सच्चा देशनामा... पिछले कुछ दिनों से ब्लोग्नामा बना हुआ था...सागर का ये तर्क मुझे अच्छा लगा...कि आखिर लिखा क्या जाए...ये कुंभ का मेला तो है नहीं जो छह या 12 साल बाद आएगा...यहां तो रोज़ ही कुंआ खोदना है...सागर ने जो प्रश्न किया वो अच्छे आलेख बनाम लोकप्रिय लेख में से क्या लिखा जाए, उसका सवाल उठाता है...
 
एकरा बाद मे …महक का बधाई लेते हुये.. तनि झा जी से मिलकर .. पराया देश चला जाये….
 

diwali-12


दीपउत्सव
 

आप सभी को दीपउत्सव की हार्दिक बधाई |
ये दीपावली सभी के घरों में और दिलों में रौशनी भर दे |

Ajay Kumar Jha
टिप्पणी और टैग...बहुत महत्व के हैं ये औजार


ब्लोगजगत में रह्ते हुए आपको साल हुए हों, महीनों हुए हों या जुम्मे जुम्मे आठ दिन, टिप्पणी का महत्व तो जानते ही होंगे।
रज-भतिअ
कही हमे जहर देने कि कोशिश तो नही यह??


आज भटकते भटकते यहां गया, ओर इस खबर को एक बार नही कई बार पढा, ओर मुझे तो यही समझ मै आया कि अब जानवरो के बाद यह परिक्षण हम पर होगा, ओर करने वाले भी..... पुरी खबर आप यहा पढेओर बताये क्या यह उचित है

 

अब तनि अऊर चिट्ठे देखा जाये…

 



ताऊ और समधन : नहले पर दहला


समधन :- हे समधी ताऊ ! इसी कपास से धागे बनते है और धागों से ही कपडा बनता है अतः यह कपास की गठरी आपका विदाई उपहार है अपने लिए धोती कुरता बनवा लेना |

कई देखे कई पढ डाले, आज की चर्चा आपके हवाले (चिट्ठी चर्चा


ब्लोग्गिंग मे चल रही जोर आजमाईश सब दिखा रहे हैं दम,

तभी तो श्रीश कह रहे यहां , चल रहा लाठी और बल्लम।

जैसी प्रजा होती , वैसा ही होता है जी राजा,

अरे मैं नहीं कह रहा ये पोस्ट देख के आजा।

पवन जी की पहेली का है अंदाज़ बडा ये खास,

 


पिछले दिनों -- क्या क्या हुआ ?


भारतीय प्रोग्राम , अकसर , हिन्दू मंदिरों में या फिर कुछ भारतीय संस्थाओं द्वारा मिलजुल कर आयोजित किये जाते हैं - *हमारे शहर में भी इसी तरह का आयोजन हुआ जहां ये कन्याएं भूमि पर बैठकर , *


मेरा फोटो


पहेली - दु:ख को भगाने के लिए चैट ..


रात बेचैनी थी। कुछ था जो मन से जा नहीं रहा था। मन कह रहा था बेकार टेंसन ले रहे हो। दु:ख को भगाने के लिए ब्लॉगर वरिष्ठों को पकड़ कर चैट शुरू की। मौज आया सो यहाँ चिपका रहा हूँ। आप लोग अनुमान लगाइए कि ये महारथी कौन लोग हो सकते हैं। एक के साथ की गई चैट तो चिपका भी नहीं रहा। आप लोग लिंक वगैरा ढूढ़ ढाढ़ कर उनका भी नाम पता लगाइए।

पहेली -९ का सही उत्तर ताऊ , विजेता अजयकुमार झा


पहेलीयो के इतिहास मे शायद यह पहली दफ़ा है की १००% सही उत्तर मिले.सभी प्रतियोगीयो ने एक ही लय मे कहा -
"हमारा ताऊ! सबका ताऊ! इस बात से यह तो साफ़ हो जाता है की "ताऊ" घर घर मे और मन मन मे बसा हुआ
है.....

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पतझड़ - एक कुंडली


धूप की गुनगुनाहट बड़ी सुखद महसूस होती है। काफी पहले पतझड़ शीर्षक से एक कविता लिखी थी आज उसी शीर्षक से एक कुंडली लिखने का प्रयास किया है जिसका प्रथम और अन्तिम शब्दपतझड़ ही है:
पतझड़ में पत्ते गिरैं, मन आकुल हो जाय।
गिरा हुआ पत्ता कभी, फ़िर वापस ना आय।।
फ़िर वापस ना आय, पवन चलै चाहे जितनी ।
बात बहुत है बड़ी, लगै चाहे छोटी कितनी ।।

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रचना क्या है, इसे समझने बैठ गया मतवाला मन

कविता ने शुरुआत से ही खूब आकृष्ट किया । उत्सुक हृदय कविता का बहुत कुछ जानना समझना चाहता था । इसी अपरिपक्व चिन्तन ने एक दशक पहले कुछ पंक्तियाँ लिखीं । मेरी शुरुआती छन्द की रचनाओं के प्रयास दिखेंगे यहाँ ।


"हनन" द मर्डर


मत कर हनन उन सीमाओ का
    जहां दूसरे के अधिकार मारे जाते हों
   जिन्हे तू साधारण परिंदा समझ कर
   हडका रहा हो
   क्या पता ? उनमे से कोई बाज हो ?



एक लॉन्ग ड्राइव से लौट कर


जाने क्या है तुम्हारे हाथों में
कि जब थामते हो तो लगता है
जिंदगी संवर गई है...

 

अऊर अब आखिर मा ….

 

'दीवाली आई है'

एक बरस बीता कर दीवाली आई है,इसी शुभ अवसर पर आप सभी को दीवाली की ढेर सारी शुभकामनायें.
ईश्वर करे हर ओर रोशनी केवल इस एक दिन नहीं ,हर दिन रोशनी हर घर आँगन में ऐसे ही जगमगाती रहे.



दीवाली आई है
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अमा का तम सघन,बेध रही दीप शिखा,
अनगिन किरण कण ,बिखरे हैं चहुँ दिशा,
महकी बयार है पकवानों की सुगंध से,
फुलझडी,अनारों की जगमग भी छाई है,
पुलकित है जग सारा नूतन उमंग से,

 

ईमानदारी पाप है,ट्रांसफ़र इसका श्राप है,क्योंकी इस सड़ेले सिस्टम मे जनता नही,नेता जनता का बाप है


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जी हां सही कह रहा हूं।यंहा एक ईमानदार अफ़सर फ़िर निपट गया।गलती सिर्फ़ इतनी थी कि वो आंखे बंद करके ठेकेदारों के बिल पास नही करता था।बिना वेतन नही लिये नौकरी कर रहे आई ए एस अफ़सर अमित कटारिया को नगर निगम के कमिश्नर पद से जाना ही पड़ा।वेसे ये कटारिया को ईमानदारी के भूत ने बुरी तरह जकडा हुआ है और इससे पहले भी इसी बीमारी की वज़ह से चर्चा मे रहे हैं।
काट लूं साले कुत्तों को और खबर बन जाऊं

उस दिन शहर के अखबार समाचार पत्रों में रंगा था समाचार मेरे विरुद्ध जन शिकायतों को लेकर हंगामा, श्रीमान क के नेतृत्व में आला अधिकारीयों को ज्ञापन सौंपा गया ?नाम सहित छपे इस समाचार से मैं हताशा से भर गए  उन बेईमान मकसद परस्तों को अपने आप में कोस रहा था  किंतु कुछ न कर सका राज़ दंड के भय से बेचारगी का जीवन ही मेरी नियति है.
 

 

तो अब आप थक गये होगें पढते पढते….चच्चा को तो कोई काम धाम है नही…तो बचुआ लोग..खूब तबियत से दिवाली मनाओ..अऊर जरा देख कर फ़टाका छुडाना…..अऊर का कहें?  जरा चच्ची नाराज है तो हम तो घर से बाहर हैं..अऊर क्युं बाहर हैं? ई आप लोग अच्छी तरह जानत हो?

अऊर एक बात बतायें..हमने यानि चच्चा ने एक बहुते बडा स्ट्रिंग आपरेशन कर डाला है…ऐसन आपरेशन आपने आपने ब्लाग जगत मा आज तक देखा सुना नही होगा..पहले तो ई सब नकली अऊर टिप्पणी बटोरू आपरेशन रहा…आप दिवाली मनाकर लौटिये..अऊर आते ही..एक जबरदस्त आपरेशन की सच्ची रिपोर्ट पढैये…असली तहलका…यानि पोल खोलू रिपोर्ट…पढवायेंगे आपको…..

चच्चा को दुख: देने वाले सुख नही पा सकते!

 

अब आज हमने बहुते चिट्ठे पढे…अब क्युं पढे? ई आप जानते हैं ना? अरे भाई दिपावली मा घर का सब बच्चा लोगन को नया कपडा..मिट्ठाई मिलत है..ई कोनू बात हुआ कि दू आपन निजी लोगन की चर्चा कर दी अऊर बकिया सब बच्चा लोग देखता रहेगा…त हमने ई बडकी चर्चा कर डाली..आप लोग अवश्य बतायें की ई मा अऊर कौन सुधार की गुंजाईश है?  आप लोगन के ईमेल हमका मिल रहे हैं अऊर हम ऊसी परकार ई चर्चा को आगे बढा रहे हैं।

 

हां तो हम कह रहे थे कि ..बहुते चिट्ठा पढने का बाद हमको लगा कि आज हम भी आपसे एक ठो पहेली पूछें?  पूछे का? ..चलो पूछे लेते हैं जब आप एतना एकरार कर रहे हो त.

हां त पहेली ई है कि ये नीचे वाला डायलाग कौन पिक्चर का है? कौन एक्टरवा ने बोला था? या बोगस है?

जो भी सही जवाब देगा …उसका चिट्ठा का ११ बार लगातार चर्चा किया जायेगा..दूसरा का ७ बार..तीसरा का ५ बार…. अब अऊर का चाही?  तो जवाब दिया जाये!

 

“कईसा घुघ्घु का माफ़िक बैठा है?”

 

चच्चा टिप्पू सिंह..की टिप टिप....धन तेरस की अऊर भी जियादा टिप..टिप….!

अन्याय के आगे नही झुकेंगे। सर कट जाये मगर सम्मान नही खोयेंगे। अन्याय सहन करना अऊर अन्याय करना दोनों जुर्म है! 

आपसे निवेदन है कि चच्चा की इस पोस्ट का जिकर आपन दोस्त लोगन से जरुर करें कि चच्चा ने अब ब्लाग चर्चा भी शुरु कर दी है! अऊर सब आपन ब्लाग का एडरेसवा हमका देवें. आप लोगन की टिप्पणी से ही हमका पता का पता चल जात है। धन्यवाद….

च्च्चा टिप्पूसिंह की तरफ़ से दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!!!



ई चर्चा आपको पसंद आया क्या? बतायेंगे त बडा मेहरवानी होगा भैया!

25 comments »

  • Dr. Shreesh K. Pathak said:  

    "गठ गवा च्चा ई तोहर, चरिचा पढिके.....च्चा बहुत फन फनाए हुए हैं, जाने कौन बात फोड़ दें अगली बार...." बहुत बहुत बधाई, चर्चा में रस आता ही जा रहा है......

  • Khushdeep Sehgal said:  

    चच्चा ये क्या जुल्म कर डाला, अब दीवाली मनाते-मनाते भी यही ख्याल जेहन में रहेगा, चच्चा टिप्पू स्टिंग ऑपरेशन के जरिए कौन सा एटम बम फोड़ने वाला है...कईयों की तो आपके इस ऐलान ने नींद ही उड़ा दी होगी...त्यौहार पर भी धुकधुकी लगी रहेगी...
    इंतज़ार रहेगा आपके ऑपरेशन का...तब तक दीवाली के सुतली बमों से ही काम चलाते हैं...

    जय हिंद...

  • दिनेशराय द्विवेदी said:  

    हम आए थे टिप्पणियां पढने यहाँ हमें ब्लाग चर्चा ही मिल गई। चचा, ब्लाग चर्चा भी अच्छी कर लेते हैं।

  • महेन्द्र मिश्र said:  

    जय हो टिप टिप चचा तिप्पूसिह..... आज तो दोहरी चर्चा टिप टिप चर्चा के साथ ब्लाग चर्चा वाह

  • हें प्रभु यह तेरापंथ said:  

    sundar टिप टिप चर्चा
    happy Dan-Tersh
    HAPPY BLOGING




    MUMBAI TIGER

  • Mishra Pankaj said:  

    चच्चा चर्चा बहुते अच्छा लागल , हां इ बताये इ-मेलवा कहा भेजी कौनू में इडिया ता देखात नाइ बा.
    और हां इ डायलगवा ता परेश रावल बोलले हएं मालामाल वीकली मा

    जय हो !!!

  • Udan Tashtari said:  

    मालामाल वीकली ही होगा..ठीक से याद नहीं..सुमित्रा नन्दन पंत जी की एक कविता ’संध्या के बाद’ का वह अंश याद आता है, जिसमें इस पक्षी का जिक्र है:

    टूट गया वह स्‍वप्‍न वणिक का,
    आई जब बुढि़या बेचारी,
    आध-पाव आटा लेने
    लो, लाला ने फिर डंडी मारी!
    चीख उठा घुघ्‍घू डालों में
    लोगों ने पट दिए द्वार पर,
    निगल रहा बस्‍ती को धीरे,
    गाढ़ अलस निद्रा का अजगर!


    -बकिया टिप्पणी की जगह पूरी चर्चा-यह उपकार हुआ दीपावली बोनस टाइप..मस्त रहा काम.

    जारी रहो चच्चा!! कलेवरवा तो हम भी जानते..बस इत्ता जानते हैं कि जब भी नया रंगरोगन हो कहीं तो शिष्टाचार है कहने का कि ’नया कलेवर पसंद आया’ त वही लिख देते हैं.

  • Udan Tashtari said:  

    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

  • Mishra Pankaj said:  

    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

  • ताऊ रामपुरिया said:  

    वाह चच्चा बहुत शानदार चर्चा की. बहुत सुंदर संयोजन है लिंक्स और पोस्ट का. आज तक की टोप क्लास चर्चा के लिये आपको धब्यवाद,

    आपको और आपके परिवार को दिपावली की हार्दिक बधाईयां और शुभकामनाएं.

  • Anonymous said:  

    बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना, भले ही एक दूसरे को काट खांएँ

  • Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said:  

    चिट्ठा चर्चा तो टिप्पणी चर्चा से भी बढिया रही......हो सके तो नियमित किया करें!!!
    दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!

  • Arvind Mishra said:  

    ई तो ब्लॉग चर्चा हौवे -टिप्पणियाँ का भईल हो चाचा !

  • Anil Pusadkar said:  

    मस्त रही चर्चा, चच्चा।

  • Chandan Kumar Jha said:  

    बहुत सुन्दर चच्चा जी !!!!!!!!!

  • M VERMA said:  

    बेहतरीन चर्चा

  • शरद कोकास said:  

    ई तो बढ़िया चर्चा रही चच्चा ।

  • अजय कुमार झा said:  

    चच्चा आपसे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। समर्पण और जिद जब दोनों मिल जाते हैं न तो इतिहास बनता है। और ये बन भी रहा है। चर्चा का क्या कहूं..सब कह ही चुके हैं और दिल से कह रहे हैं। दीपावली पर खूब प्रकाश और प्रसन्नता आये। हां स्टिंग का इंतजार रहेगा मुझे ।और टेंप्लेट तो बस ....कमाल है कमाल।

  • बाबा निठ्ठल्लानंद जी said:  

    दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं चच्चाजी, उम्मीद करता हूं कि अब चच्ची की नाराजी दूर होगई होगी और आप आनंद पूर्वक घर चले गये होंगे।

    “कईसा घुघ्घु का माफ़िक बैठा है?” आपकी यह पहेली हमे ऐसा लगता है कि शोले के गब्बर यानि अमजद खान ने किसी फ़िल्म मे बोला था।

    चर्चा और कलेवर बडा मस्त है चच्चा....जी।

  • Alpana Verma said:  

    bahut achchhee charcha.naye blog se parichay hua.abhaar.
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

  • स्वप्न मञ्जूषा said:  

    अई हो दादा !!
    अगे मईया !!
    अब केकर कपार पर बजर पड़ी हो....केकर कौन दिन आवे वाला है ...हे भगवान्.....तू ही बेडा पार लगावा अब त.....
    इ स्टिंग ओप्रेसन्वा के बात न करीं हो महराज....करेजा बैठल जाता....
    बाकी चर्चा तो बहुते नीक बा....और चिटठा के रंग-रोगन मनोहारी बा......

    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

  • Smart Indian said:  

    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ चच्चा!
    अभी तक तो लोग बूझ रहे थे ताऊ कौन, अब एक सवाल और जुड़ गया कि चच्चा कौन?

  • हें प्रभु यह तेरापंथ said:  

    सुख, समृद्धि और शान्ति का आगमन हो
    जीवन प्रकाश से आलोकित हो !

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    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
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    कल सुबह ६ बजे हमारे सहवर्ती हिन्दी ब्लोग
    मुम्बई-टाईगर
    पर दिपावली के शुभ अवसर पर ताऊ से
    सिद्धी बातचीत प्रसारित हो रही है। पढना ना भूले।

    ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
    हे! प्रभु यह तेरापन्थ
    मुम्बई-टाईगर
    द फोटू गैलेरी
    महाप्रेम
    माई ब्लोग
    SELECTION & COLLECTION

  • Meenu Khare said:  

    साल की सबसे अंधेरी रात में
    दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
    लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी

    कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
    अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
    झटकें सभी तकरार ज्यों आयी-गयी

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    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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